अपने ईष्ट की स्मृति मन-मस्तिष्क में बनाये हुए आनंदपूर्ण भाव से रमना ही भजन है। ऐसा माना जाता है कि भजन की उत्पत्ति वैदिक काल में हुई थी और विषेशतः इसका श्रेय सामवेद को जाता है जब लिखित रचनाओं को एक लयबद्ध गायन शैली का रूप दिया गया।