सावन की ऋतु आ चुकी है और काले-घने बादल झूम कर बरस रहे हैं मगर एक तरफ बारिश की इसी फुहार में एक प्रेमिका विरह की अग्नि में तप रही है। उसके लिए बारिश तो वह है जो निरंतर उसकी आँखों से अपने प्रियतम को याद करते हुए टपक रहे हैं। उसकी सेज सूनी पड़ी हुई है, धानी चुनरी आंसुओं से भीग चुकी है और विरह में डूबकर उसकी दशा एक जोगिन जैसी हो गयी है।
(बरसन लागि बदरिया - Lyrics in Hindi)
बरसन लागि बदरिया सावन की
मोरी धानी चुनरिया भीज गयी
कारे बदरा कारी रतिया
कारे मोरे श्यामा कारी रे कोयलिया
बूंदन बरसे अंखिया हमार रे
मोरी धानी चुनरिया भीज गयी
बरसन लागि बदरिया सावन की
मैं बिरहनिया बनी रे जोगिनिया
पिया नहीं आये सूनी सेजरिया
तेरे कारण हुई रे बदनाम रे
मोरी धानी चुनरिया भीज गयी
बरसन लागि बदरिया सावन की
मोरी धानी चुनरिया भीज गयी
बरसन लागि बदरिया सावन की
मोरी धानी चुनरिया भीज गयी
(Barsan Laagi Badariya - Lyrics in English)
Barsan laagi badariya sawan ki
Mori dhani chunariya bheej gayi
Kaare badra kaari ratiya
Kaare more shyama kaari re koyaliya
Boondan barse ankhiya hamaar re
Mori dhani chunariya bheej gayi
Barsan laagi badariya sawan ki
Main birhaniya bani re joginiya
Piya nahi aaye ssoni sejariya
Tere kaaran hui re badnaam re
Mori dhani chunariya bheej gayi
Barsan laagi badariya sawan ki
Mori dhani chunariya bheej gayi
Barsan laagi badariya sawan ki
Mori dhani chunariya bheej gayi