प्रभु श्री राम कहाँ जन्में, किसकी कोख से इस संसार में आये, और रामायण किसको केंद्र में रखकर रचा गया है? ठीक यही सारे प्रश्न लीलाधर कृष्ण और गणेश जी के लिए भी पूछे गए हैं। इन सभी सहज प्रश्नों का उत्तर भी उतना ही सरल है, और हो भी क्यों नहीं? दादा-दादी, नाना-नानी, माता-पिता एवं घर के अन्य बड़े-बुजुर्गों से हमनें अपने देवी-देवताओं की कहानियां पहले से ही सुन रखी हैं।
परन्तु यहाँ, इस प्रश्नोत्तरी को एक सोहर के रूप में सुमधुर गीत के माला में पिरोया गया है। बच्चों के जन्म लेने के अवसर पर अपने घर-आँगन में यह गीत जरूर बजाएं और मंत्रमुग्ध हो जाएं।
कहंवा में जन्मे लें रामा
त कहंवा में कृष्ण जन्में हो
ऐ ललना, कहंवा में जन्में गणेश
त तीनों घरवा मंगल होला हो
अयोध्या में जन्में लें रामा
त गोकुल में में कृष्ण जन्में हो
ऐ ललना पर्वत पे जन्में गणेश
त तीनों घरवा मंगल होला हो
केकरा से जन्में लें रामा
त केकरा से जन्में कृष्ण जन्में हो
ऐ ललना, केकरा से जन्में गणेश
त तीनों घरवा मंगल होला हो
कौशल्या से जन्में लें रामा
त देवकी कृष्ण जन्में हो
ऐ ललना, गौरी से जन्में गणेश
त तीनों घरवा मंगल होला हो
केकरा से बनेला रामायण
केकरा से गीता बने हो
ऐ ललना, केकरा से विघ्न हरण होला
तीनों घरवा मंगल होला हो
राम से बनेला रामायण
कृष्ण से गीता बने हो
ऐ ललना, गणेश से विघ्न हरण होला
तीनों घरवा मंगल होला हो
ऐ ललना, अयोध्या में जन्में लें राम
त तीनों घरवा मंगल होला हो
ऐ ललना, गोकुल में जन्में लें कृष्ण
त तीनों घरवा मंगल होला हो
ऐ ललना, पर्वत पे जन्में गणेश
त तीनों घरवा मंगल होला हो