उत्तरहि राज सं एलै

समदाओन गीत में बेटी विदाई की व्यथा को व्यक्त किया जाता है। मैथिली ठाकुर के स्वर में प्रस्तुत इस गीत में बेटी कहती है कि कोई उत्तर दिशा से आया है और वह उसे ले जाएगा। प्राचीन समय में विवाह आनन-फानन में तय हुआ करता था। विवाह योग्य बेटी इस मनःस्थिति में रहती थी कि उसे जल्द ही किसी दिन अपने पिता के पास से पति के यहाँ जाना पड़ सकता है। इस गीत को सुनें और बेटियों की मनःस्थिति को समझने की कोशिश करें!