गुरुभक्त बालक आरुणि

पांचाल प्रदेश के रहने वाले आरुणि महर्षि अयोद-धौम्य के आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहे थे। आरुणि न केवल एक प्रतिभावान व योग्य शिष्य थे, बल्कि वह अपने गुरु के प्रति बेहद निष्ठावान भी थे। गुरु के मुख से निकली उक्ति उनके लिए किसी ब्रह्मवाक्य से कम नही थी। गुरु के आश्रम में रहने के दौरान एक दिन ऐसा वाकया हो गया, जिससे आरुणि की जिन्दगी बदल गई और वह भारत के आध्यात्मिक इतिहास में किंवदंती-पुरुष बन गए। बाजा म्यूजिक एंड रेडियो की इस प्रस्तुति में हम आपको बताएंगे कि उस दिन आरुणि के साथ आखिर हुआ क्या था।