बेटी जब अपने माता-पिता के घर से विदा होती है तो उसके लिए भी वह क्षण अनिश्चितता और दुःख का होता है। मिथिला की बेटी विदाई के बाद अपनी व्यथा कहती है कि जनकपुर मिथिला परम पावन भूमि है, कहार तुम मुझे यहाँ से कहाँ ले जा रहे हो! सीता विदाई के प्रसंग को रीलेट करते हुए आप इस समदाओन को सुनें!