दिल देकर देखे और मन भी दिए मगर बदले में बर्बादी ही मिली। आखिर इस जगत में किस पर विश्वास किया जाए क्योंकि यहाँ अपना कोई भी नहीं है। क्या गरीब और क्या अमीर, इस जगत में जिससे भी मिलो वो पैसे के लिए प्यासा है और सब के सब तिकड़म भिड़ाने में व्यस्त हैं। वाकई में यह संसार विश्वास करने योग्य नहीं है क्योंकि यहाँ कोई भी अपना नहीं है।
केकरा प करी विसवास,
जगतिया में कोई नाहीं अपना
कोई नाहीं अपना
हो कोई नाहीं अपना
केकरा प करी विसवास,
जगतिया में कोई नाहीं अपना
दिल देके देखनि हो मन देखनि
मन देखनि हो दिल देके देखनि
हो गइलि हम बरवाद
जगतिया में कोई नाहीं अपना
गरीब से पुछलि अमीर से पुछलि
अमीर से पुछलि गरीब से पुछलि
नाहीं बुझे पइसा के प्यास
जगतिया में कोई नाहीं अपना
केकरा प करी विसवास,
जगतिया में कोई नाहीं अपना
कोई मारे दुकड़ी हो कोई मारे तिकड़ी
कोई मारे तिकड़ी हो कोई मारे दुकड़ी
कोई मारे लाखो की बात
जगतिया में कोई नाहीं अपना
केकरा प करी विसवास,
जगतिया में कोई नाहीं अपना