बरसन लागे बदरिया रूम झूम के

रूम-झूम कर बादल बरसने लगा है। भगवान कृष्ण और राधा रानी का सावन मास में झूला झूल रहे हैं। गोपियां भी आनंद में झूमती हुई कजरी गा रही हैं। बादल झूमकर बारिश कर रहा है और सखियां गीत गा रही हैं, झूमकर नाच रही हैं।

कजरी गीत में बादल नायक की तरह होता है जिसके बिना प्यार हो या विरह, व्यक्त नहीं किया जा सकता है। बादल जब उग्र रूप में होता है तो प्रेमिका डर जाती है और अपने प्रेमी को याद करती है। वहीं बारिश जब अपने सुन्दरतम रूप में होता है तो प्रेमिका मिलन को आतुर होती हैं। जब प्रेमी अनुपस्थित रहता है तो शिकायतों का सिलसिला शुरू हो जाता है। कजरी गीतों में प्रेम और विरह साथ-साथ चलता है।

प्रस्तुत गीत में हर्ष का माहौल सृजित किया गया है. गायिका अंजली मिश्रा के स्वर इस बेहतरीन कजरी गीत को सुनें और आनंद उठाएं!