हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि रामधारी सिंह दिनकर की यह प्रसिद्ध बाल कविता ‘चूहे की दिल्ली यात्रा’ सुनकर सचमुच आनंद आ जाता है।
इस कविता में आजादी कि खुशी, राजनीति पर व्यंग्य और तत्कालीन सामजिक परिस्थिति एक साथ देखने को मिलती है। वैसे तो यह बाल कविता है लेकिन इसे सुनकर आप एक बार जरूर सोचने पर मजबूर होंगे। मनोरंजन तो खैर इस कविता में कूट-कूट कर भरा है।
इस कविता को सुनें और अपने परिजनों व दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें!