संजोली पांडेय के स्वर से सजा यह सोहर यदि आप बच्चे के जन्म के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रमों में बजा दें तो आनंद दोगुना हो जायेगा। इस गीत के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि नन्हे मेहमान के आगमन के पश्चात तमाम सम्बन्धियों जैसे पिता, दादी और बुआ किस प्रकार से अपनी भावनाएं व्यक्त करते हैं।
ससरा से बेनिया डोलावे
ललन मुख चूमे ललन मुख चुमई हो
ऐ हो मोरे सइयां हाँ
ऐ हो मोरे राजा लेत बलइयां
बलइयां नीक लागे बलइयां नीक लागईं हो
आपन अम्मा जी होती बेदनहरी
लेती बेदनहरी लेती हों
ऐ जी सइयां जी के हाँ
ऐ हो बलमा जी के अम्मा
निर्मोहिया त ललन ललन करे हो
ससरा से बेनिया डोलावे
ललन मुख चूमे ललन मुख चुमई हो
ऐ हो मोरे सइयां हाँ
ऐ हो मोरे राजा लेत बलइयां
बलइयां नीक लागे बलइयां नीक लागईं हो
आपन दीदी जे होती बेदनहरी
लेती बेदनहरी लेती हों
ऐ जी सइयां जी के हाँ
ऐ हो बलमा जी के बहिन
निर्मोहिया त होरी लेहो
रिलकर होरी लेहो हो
ससरा से बेनिया डोलावे
ललन मुख चूमे ललन मुख चुमई हो
ऐ हो मोरे सइयां हाँ
ऐ हो मोरे राजा लेत बलइयां
बलइयां नीक लागे बलइयां नीक लागईं हो